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गैजेट डेस्क. रियलमी के पॉपुलर बजट स्मार्टफोन रियलमी 5s की अगली सेल 2 दिसंबर को होने जा रही है। ग्राहक इसे फ्लिपकार्ट और रियलमी डॉट कॉम से खरीदा सकेंगे। सेल दोपहर 12 बजे से शुरू होगी। इच्छुक ग्राहक ई-कॉमर्स वेबसाइट पर जाकर अभी से अपना रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं ताकि सेल शुरू होते समय इसे आसानी से खरीदा जा सके। कंपनी ने पिछले हफ्ते ही इसे भारतीय बाजार में लॉन्च किया है। फोन में वॉटरड्रॉप नॉच वाला 6.5 इंच का एचडी डिस्प्ले, 5000 एमएएच बैटरी, स्नैपड्रैगन 665 प्रोसेसर और चार रियर कैमरा मिलेंगे, जिसमें 48 मेगापिक्सल का प्राइमरी कैमरा मिलेगा।
गैजेट डेस्क. आपके घर, दुकान और कारखानों को ठंडा कर रहे एयर कंडीशनर बिजली की अत्यधकि खपत करते हैं। इनसे पर्यावरण को भी नुकसान पहुंच रहा है। इसके पीछे वजह यह है कि वर्तमान में उपलब्ध एयर कंडीशनर का मॉडल करीब 100 साल पहले ईजाद किया गया था। तबसे इसमें कोई आमूलचूल बदलाव नहीं हुआ।
अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी का आकलन है कि धरती की 10 प्रतिशत बिजली की खपत एयर कंडीशनर में हो जाती है। भारत में फिलहाल 1.40 करोड़ एयर कंडीशनर हैं। ग्लोबल वॉर्मिंग के चलते जिस तेजी से पृथ्वी का तापमान बढ़ रहा है, उससे अनुमान लगाया जा रहा है कि वर्ष 2050 तक इनकी संख्या 100 करोड़ हो जाएगी। वहीं, दुनियाभर में अभी 120 करोड़ एसी हैं, जो 2050 तक 450 करोड़ हो जाएंगे। एयर कंडीशनर की बढ़ती संख्या और बिजली की खपत से चिंतित भारत सरकार ने अंतरराष्ट्रीय पहल की है। विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी मंत्रालय ने अमेरिका के रॉकी माउंटेन इंस्टीट्यूट (आरएमआई) के साथ मिलकर ग्लोबल कूलिंग प्राइज स्पर्धा लांच की है। इसमें 24 देशों के साथ यूरोपीय संघ भी शामिल है।'
प्रारंभकि चरण में 95 देशों के 2100 प्रतिभागी इसमें शामिल हुए। इनमें से 8 टीमें चुनी गईं। इनमें तीन भारत की, तीन अमेरकिी, एक-एक चीन और ब्रिटेन की है। इन्हें प्रोटोटाइप बनाने के लिए दो लाख डॉलर दिए गए हैं। विदेशी टीमों को प्रोटोटाइप तैयार कर भारत भेजना होगा। इसकी टेस्टिंग अगले साल दिल्ली की गर्मी में 60 दिन तक होगी। आरएमआई के एमडी इयान कैंपबेल के मुताबकि, नई जनरेशन का एयर कूलिंग सिस्टम पर्यावरण पर पांच गुना कम असरकारी होना चाहिए। भले कीमत मौजूदा मॉडल से दोगुनी हो।
विजेता की घोषणा नवंबर 2020 में होगी। उसे 10 लाख डॉलर का अवॉर्ड दिया जाएगा।
स्पर्धा के तहत कई आइडिया सामने आए हैं। इनमें वेपर कम्प्रेशन प्रौद्योगिकी, वेपर कूलिंग, एवोपरेटिव कूलिंग और सॉलिड-स्टेट कूलिंग प्रौद्योगिकियों के स्मार्ट एवं हाइब्रिड डिजाइन शामिल हैं। कैंपबेल के मुताबकि, असल चुनौती बाद में सामने आएगी। लोगों को यह समझना होगा कि नई तकनीक भले की महंगी है, लेकिन पर्यावरण के लिहाज से बेहतर है।
भारतीय घरों में सबसे कम एयर कंडीशनर (2018 के आंकड़े)
अमेरिका | 90% |
मेक्सिको | 16% |
ब्राजील | 16% |
चीन | 60% |
जापान | 89% |
दक्षिण कोरिया | 89% |
इंडोनेशिया | 09% |
भारत | 07% |
आपका एसी खा रहा...
विजेता की घोषणा नवंबर 2020 में होगी। उसे 10 लाख डॉलर का अवॉर्ड दिया जाएगा। स्पर्धा के तहत कई आइडिया सामने आए हैं। इनमें वेपर कम्प्रेशन प्रौद्योगकिी, वेपर कूलिंग, एवोपरेटिव कूलिंग और सॉलिड-स्टेट कूलिंग प्रौद्योगिकियों के स्मार्ट एवं हाइब्रिड डिजाइन शामिल हैं। कैंपबेल के मुताबकि, असल चुनौती बाद में सामने आएगी। लोगों को यह समझना होगा कि नई तकनीक भले की महंगी है, लेकिन पर्यावरण के लिहाज से बेहतर है।
गैजेट डेस्क. जब स्मार्टफोन लॉक होता है, तब उसमें इमरजेंसी कॉन्टैक्ट डायल करने की सुविधा होती है। ये बहुत काम का फीचर है, लेकिन कई यूजर्स इस पर ध्यान नहीं देते। जबकि मुश्किल या परेशानी के वक्त इसे डायल करके मदद मंगाई जा सकती है। इमरजेंसी कॉन्टैक्ट को डायल करना बेहद आसान होता है। इसके लिए फोन को अनलॉक करने की भी जरूत नहीं होती।
ऐसे डायल होता है इमरजेंसी नंबर
इमरजेंसी कॉन्टैक्ट में 112 नंबर पहले से सेव होता है। ये ऐसा नंबर है जो पुलिस (100), अस्पताल (108), वुमन हेल्पलाइन नंबर (1090) और फायर स्टेशन (101) का कॉम्बिनेशन है। यानी 112 नंबर डायल करने पर सभी इमरजेंसी सर्विस मिलेंगी। इसे डायल करने के लिए फोन के पावर बटन को 3 बार दबाना होता है। वहीं, फीचर फोन के कीपैड से 5 या 9 नंबर को लॉन्ग प्रेस करने पर इमरजेंसी नंबर डायल हो जाता है।
कुछ फोन में नंबर एडिट करने की सुविधा
कुछ कंपनियों के स्मार्टफोन जैसे सैमसंग, रियलमी में यूजर इमरजेंसी कॉन्टैक्ट को एडिट कर सकता है। यानी वो अपने किसी करीबी का नंबर भी इमरजेंसी कॉन्टैक्ट के तौर पर इस्तेमाल कर सकता है। इसके लिए उसे सेंटिंग में जाकर नंबर को चेंज करना होता है।
एंड्रॉयड की सेटिंग : Settiings => SOS Settiings या Contact => Groups => ICE emergency contacts
गूगल ऐप भी मौजूद
पुराने एंड्रॉयड स्मार्टफोन में इमरजेंसी कॉन्टैक्ट की सुविधा नहीं है, तब इस काम को गूगल प्ले स्टोर पर मौजूद '112' ऐप की मदद से किया जा सकता है। यहां पर अलग-अलग स्टेट के ऐसे ऐप्स मौजूद है। इन ऐप्स में SHOUT फीचर होता है, जो मौजूद एरिया के रजिस्टर्ड स्वयंसेवकों को तुरंत मदद भेज देता है।
एजुकेशन डेस्क. लखनऊ के प्रांजल श्रीवास्तव ने ऐसी डिवाइस बनाई है जिसकी मदद से खाना पकाने समय मोबाइल भी चार्ज किया जा सकता है। छात्र प्रांजल श्रीवास्तव ने इसका नाम थर्मोइलेक्ट्रिक स्टोव जनरेटर दिया है। डिवाइस के लिए प्रांजल को नेशनल इंस्पायर अवॉर्ड में पहला स्थान मिला है। इसके अलावा फिलीपिंस में आयोजित स्टूडेंट इनोवेशन कॉम्पिटीशन भी जीता है।
डिवाइस में लगाया यूएसबी पोर्ट
जीडी गोयनका स्कूल, लखनऊ के छात्र प्रांजल के मुताबिक, थर्मोइलेक्ट्रिक स्टोव जनरेटर वेस्ट हीट को इलेक्ट्रिकल एनर्जी में बदलता है। ऊर्जा स्टोव के सुपरकेपेसिटर में एकत्र होती है। डिवाइस में यूएसबी पोर्ट दिया गया है जहां से मोबाइल भी चार्ज किया जा सकता है।
स्टोव की लागत 400 रुपए
प्रांजल के अनुसार, स्टोव की लागत 400 रुपए है और मुझे इसे तैयार करने में करीब 6 माह का वक्त लगा है। करीब दो साल से टेस्टिंग कर रहा हूं ताकि यह डिवाइस सुरक्षा मानकों पर खरा उतर सके। लगातार एक साथ खाना बनाने के साथ मोबाइल भी चार्ज किया जा सकता है।
केरोसिन लैंप को देखकर आया आइडिया
प्रांजल कहते हैं, मैं ग्रामीण क्षेत्र से जुड़ा हुआ हूं। गांव में मैंने देखा कि बिजली न होने पर लोग केरोसिन लैंप का इस्तेमाल करते हैं। इस दौरान खाना बनाते समय अधिक ऊष्मा यानी हीट व्यर्थ हो जाती है जिसे स्टोर नहीं किया जाता। डिवाइस ऊष्मा को इकट्ठा करके और ऊर्जा यानी बिजली में बदलती है।
मां नीमा का कहना है कि प्रांजल पढ़ाई में काफी अच्छा है और उसकी उपलब्धि पर हमें गर्व है। स्कूल के चेयरमैन सर्वेश गोयल का कहना है कि स्कूल के दूसरे स्टूडेंट्स को प्रांजल का मॉडल प्रेरित करेगा।
गैजेट डेस्क. ओप्पो ने A9 2020 का नया वनीला मिंट एडिशन भारतीय बाजार में लॉन्च कर दिया है। हालांकि, कंपनी ने इसकी कीमत और उपलब्धता के बारे में कोई जानकारी शेयर नहीं की है। इस फोन को कंपनी ने सितंबर में लॉन्च किया था। तब इसे मरीन ग्रीन और स्पेस पर्पल कलर में लॉन्च किया गया था। बता दें कि फोन में क्वाड रियर कैमरा सेटअप के साथ 5000mAh की बैटरी और ऑक्टा-कोर क्वालकॉम स्नैपड्रैगन 665 प्रोसेसर दिया है। वनीला मिंट वैरिएंट 8GB रैम और 128GB स्टोरेज में मिलेगा।
कंपनी का ट्वीट
ओप्पो A9 2020 के स्पेसिफिकेशन
1. बॉक्स में क्या मिलेगा?
बॉक्स के ऊपर फोन के फोटो के साथ मॉडल नंबर की ब्रांडिंग है। वहीं, पीछे की तरफ फोन कुछ फीचर्स को हाईलाइट्स किया गया है। ये हैंडसेट भारत में ही बनाया जा रहा है। बॉक्स के अंदर एक सब-सेक्शन दिया है, जिसके अंदर ट्रांसपेरेंट फोन केस, यूजर मैनुअल और सिम इजेक्टर टूल है। इसके साथ, ओप्पो A9 2020 हैंडसेट, 10 वॉट का चार्जर, यूएसबी C-टाइप केबल और 3.5mm कनेक्टर वाला ईयरफोन दिया है।
2. हैंडसेट डायमेंशन और बटन पोजिशन
फोन के राइट साइड में पावर लॉक/अनलॉक बटन दिया है। लेफ्ट साइड में वॉल्यूम रॉकर्स और उसके ऊपर 2 सिम और एक माइक्रो SD कार्ड वाली हाईब्रिड ट्रे दी है। फोन के बैक साइड में ग्लोसी फिनिशिंग दी है। यहां क्वाड कैमरा सेटअप किया है, जिसमें 3 लेंस एक लाइन में और एक लेंस LED फ्लैश के साथ दिया है। इसके नीचे फिंगरप्रिंट स्कैनर दिया है। सबसे नीचे कंपनी की ब्रांडिंग है।
ऊपर की तरफ कुछ नहीं दिया है। फोन में नीचे की तरफ 3.5mm ऑडियो जैक, प्राइमरी माइक्रोफोन, यूएसबी C-टाइप पोर्ट और ऑडियो ग्रिल दी है।
3. फोन का डिस्प्ले
फोन में 6.5-इंच की IPS LCD टचस्क्रीन दी है। जिसका रेजोल्यूशन 720 X 1600 पिक्सल है। इसका रेशो 20:9 और पिक्सल डेनसिटी 270 ppi है। स्क्रीन 16 मिलियन कलर को सपोर्ट करती है। बॉडी में स्क्रीन का रेशियो 82.5 प्रतिशत है। यानी बेजल का हिस्सा थोड़ा सा ज्यादा मिलेगा।
4. प्रोसेसर, रैम और मेमोरी
फोन में क्वालकॉम SDM665 स्नैपड्रैगन 665 (11 nm) ऑक्टा-कोर (4x2.0 GHz Kryo 260 गोल्ड और 4x1.8 GHz Kryo 260 सिल्वर) प्रोसेसर दिया है। इसका GPU एड्रेनो 610 है। गेमिंग के लिए इसमें बूस्ट ऑप्शन दिया है।
4GB/8GB रैम और 128GB ऑनबोर्ड स्टोरेज (256GB तक माइक्रो SD कार्ड सपोर्ट)
5. कैमरे में कितना दम?
ओप्पो ने इसमें पावरफुल और कई फोटोग्राफी फीचर्स के साथ पावरफुल क्वाड कैमरा सेटअप किया है। प्राइमरी कैमरा 48 मेगापिक्सल (f/1.8) वाइड लेंस, 8 मेगापिक्सल (f/2.3) अल्ट्रावाइड लेंस, 2 मेगापिक्सल (f/2.4) और 2 मेगापिक्सल (f/2.4) डेप्थ सेंसर के साथ दिया है। ये डुअल टोन LED फ्लैश, पैनोरामा, HDR जैसी फीचर्स के साथ आता है। इससे 4K रेजोल्यूशन में वीडियो रिकॉर्डिंग की जा सकती है।
वहीं, सेल्फी लवर्स के लिए इसमें 16 मेगापिक्सल (f/2.0) लेंस दिया है। ये HDR फीचर्स के साथ आता है। वहीं, फुल HD वीडियो रिकॉर्डिंग को सपोर्ट करता है।
6. ऑपरेटिंग सिस्टम और बैटरी
ओएस : इसमें एंड्रॉयड 9.0 पाई बेस्ड कंपनी का कलरओएस 6.1 दिया है। जिससे फोन में कई एडिशन फीचर्स मिलते हैं। इसमें फुल स्क्रीन मल्टीटास्किंग, स्मार्ट बार, स्मार्ट राइडिंग मोड, स्मार्ट असिस्टेंट, स्वाइप अप जेस्टर नेविगेशन जैसे फीचर्स मिलते हैं।
बैटरी : इसमें 5000mAh की ली-पॉलीमर बैटरी दी है। जो रिवर्स चार्जिंग फीचर्स के साथ आती है। यानी आप OTG केबल की मदद से इस फोन से दूसरे फोन को चार्ज कर सकते हैं। हालांकि, इतनी पावरफुल बैटरी के हिसाब से चार्जर का वॉट काफी कम है।
7. कनेक्टिविटी और सिक्योरिटी फीचर्स
कनेक्टिविटी : फोन में Wi-Fi 802.11, Wi-Fi डायरेक्ट, हॉटस्पॉट, ब्लूटूथ 5.0, GPS, FM रेडियो, यूएसबी ऑन-द-गो, Type-C पोर्ट जैसे कनेक्टिविटी ऑप्शन दिए हैं। म्यूजिक के लिए इसमें 3.5mm जैक दिया है।
सिक्योरिटी : फोन में इन डिस्प्ले फिंगरप्रिंट स्कैनर दिया है। जो बेहतर काम करता है। वहीं, फेस अनलॉक फीचर भी मिलता है।
8. कीमत
ओप्पो A9 2020 का कैमरा और बैटरी इसे खास बनाते हैं। फोन के 4GB रैम और 128GB स्टोरेज वैरिएंट की कीमत 16,990 रुपए है। वहीं, 8GB रैम और 128GB स्टोरेज वैरिएंट की कीमत 19,990 रुपए है।
गैजेट डेस्क. टेलरों ने बहुत समय पहले तय कर लिया था कि पुरुष और महिला के आकार भिन्न हैं। लेकिन, डिजाइन के अन्य क्षेत्रों में यह बात नहीं पहुंच पाई है। उदाहरण के लिए 1880 में बने कार के सीट बेल्ट अब भी पुरुषों के लिए अनुकूल हैं। वह ड्राइविंग करते समय महिलाओं की तुलना में बहुत पीछे बैठते हैं। कामगारों के अधिकतर सुरक्षा उपकरण पुरुष शरीर को ध्यान में रखकर डिजाइन किए गए हैं। सिलिकॉन वैली तक अपने प्रोडक्ट में भेदभाव से चिपकी है। वर्चुअल रियलिटी हैडसेट का इस्तेमाल करते हुए पुरुषों के मुकाबले महिलाओं के स्वयं को बीमार महसूस करने की संभावना अधिक रहती है। 90% महिलाओं की आंखों की पुतलियां सामान्य हैडसेट की सेटिंग के मुकाबले अधिक नजदीक रहती हैं। अधिकतर स्मार्ट फोन इतने बड़े होते हैं कि औसत महिला के हाथ में सहजता से फिट नहीं बैठते हैं। कई वीडियो गेम कंट्रोलर भी ऐसे ही हैं।
सिलिकॉन वैली की डिजाइन समस्या की जड़ उसके नेतृत्व में है। ज्यादातर कंपनियों पर पुरुषों का नियंत्रण है। पुरुषों की कंपनियों को 82% वेंचर केपिटल फंडिंग मिलती है। आंत्रप्रेन्योर अक्सर स्वयं को निजी तौर पर प्रभावित करने वाली जरूरतों को ध्यान में रखकर प्रोडक्ट बनाते हैं। संभव है, कंपनियों के पुरुष प्रमुख और आंत्रप्रेन्योर को महिलाओं की समस्याओं का अहसास न हो। एपल की स्मार्ट वॉच या आईफोन हेल्थ एप में महिलाओं की मासिक क्रिया की ट्रेकिंग शामिल नहीं है। अमेजन का एक कंप्यूटर सिस्टम लगातार लैंगिक भेदभाव करता था। किसी डिवाइस की टेस्टिंग भी इस स्थिति के लिए जिम्मेदार है। डिवाइस के प्रोटोटाइप को बहुत बड़े समूह पर टेस्ट किया जाता है। इसमें भेदभाव का खतरा रहता है। डिजाइनर वही सुनना चाहेंगे जो वे पसंद करते हैं। वे कुछ अन्य यूजर के समूह की नकारात्मक प्रतिक्रिया खारिज कर सकते हैं।
वर्चुअल रियलिटी हैडसेट से महिलाओं को होने वाली कठिनाई पर अध्ययन करने वाले मिनेसोटा यूनिवर्सिटी के थॉमस स्टोफ्रेजेन ने पाया कि पुरुषों की तुलना में महिलाएं चार गुना अधिक प्रभावित होती हैं। वे कार ड्राइविंग का उदाहरण देते हैं। उनका कहना है, स्टीयरिंग व्हील घुमाते समय ड्राइवर को अपना सिर सड़क की ओर रखना पड़ता है। दिशा बदलते समय उन्हें अपना शरीर स्थिर रखना होता है। शरीर को यहां-वहां करना पड़ता है। कार में लंबा समय बिताने पर लोग इसके साथ तालमेल बिठा लेते हैं। लेकिन, वर्चुअल या आभासी वातावरण में लोगों को ऐसा करने में कठिनाई होती है। जब वर्चुअल कार मुड़ती है तब वे झुकते हैं लेकिन वे स्थिरता से अलग हट रहे होते हैं। इससे खासतौर से महिलाएं प्रभावित होती हैं क्योंकि उनमें पुरुषों की तुलना में गुरुत्व बल कम रहता है।
ऐसा लगता है कि स्थिति में परिवर्तन की शुरुआत हो चुकी है। महिलाओं के स्वास्थ्य और अन्य जरूरतों पर फोकस करने वाली कंपनियां इस वर्ष के अंत तक एक अरब डॉलर की पूंजी जुटा सकती हैं। वेंचर फंड और टेक्नोलॉजी कंपनियों में अधिक महिलाओं की नियुक्ति हो रही है।
महिलाओं के पास 40 लाख करोड़ रु. के खर्च का नियंत्रण
डिजाइन में भेदभाव को नैतिक, सुरक्षा और व्यावसायिक कारणों से दुरुस्त करने की जरूरत है। लेखक क्रिएडो पेरेज कहती हैं, यह गलत है कि महिलाओं को पुरुषों की सुविधा की दृष्टि से काम चलाना पड़े। जहां तक सुरक्षा का प्रश्न है, सरकारी एजेंसियों को कारों के सीट बेल्ट सहित महिलाओं के लिए खतरनाक वस्तुओं पर रोक लगानी चाहिए। विश्व की आबादी में लगभग 50% महिलाएं हैं। वे कंज्यूमर खर्च के 70-80% फैसले लेती हैं। उनके हाथ में साल भर में 40 लाख करोड़ रुपए के खर्च का नियंत्रण है।
तनु एस, बेंगलुरु. वॉट्सएप कुछ दिनों से चर्चा में है, कभी अपने नए फीचर्स की वजह से तो कभी सिक्योरिटी संबंधित चिंताओं के कारण। अब तो फेसबुक ने भी चेतावनी जारी की है एक वीडियो से सावधान रहने की जरूरत है। नए अपडेट के साथ, उन फीचर्स का आगमन भी करीब है जो इस एप के इस्तेमाल का अंदाज बदल सकते हैं। ऐसी ही कुछ बातें जो एक वॉट्सएप यूजर को जान लेना चाहिए...
अपग्रेड कीजिए, सुरक्षित रहिए
अपने वॉट्सएप अकाउंट को अभेद्य बनाना है तो लेटेस्ट वर्जन अपग्रेड करें। नए वर्जन 2.19.274 पर एंड्रायड और 2.19.100 पर आईफोन यूजर अपग्रेड करें। इसे चैक करने के लिए एंड्रॉयड यूजर, एप इंफो पर टैप करें। आईफोन यूजर सेटिंग्स में हेल्प सिलेक्ट करें।
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