केतन ठक्कर मारुति सुजुकी () पांच लाख रुपये से कम कीमत के दो कार मॉडल तैयार कर रही है। इस तरह मारुति एंट्री लेवल सेगमेंट में अपनी पैठ और मजबूत करेगी। नए सेफ्टी नॉर्म्स और एमिशन रेगुलेशन के कारण इस सेगमेंट में फिलहाल कॉम्पिटिशन घटता दिख रहा है। इस मामले से वाकिफ लोगों ने बताया कि कंपनी 800cc की एक नई कार तैयार कर रही है। साथ ही, 1 लीटर इंजन वाले एक दूसरे मॉडल को भी डिवेलप किया जा रहा है। जापान की सुजुकी मोटर की यह भारतीय इकाई अभी 800cc इंजन वाली ऑल्टो (Alto) और 1 लीटर इंजन के साथ सेलेरियो बेचती है। इस साल के आखिर तक बाजार में आ जाएगी 1 कार सूत्रों ने बताया कि दोनों में से एक कार साल 2020 के आखिर तक बाजार में आ सकती है। 1 लीटर इंजन वाली और कोड नेम YNC वाली कॉम्पैक्ट कार संभवत: सेलेरियो की जगह लेगी, जो अभी 1 और 1.2 लीटर इंजन के साथ उपलब्ध है। नई 800cc कार का कोड नेम Y0M रखा गया है। इसे साल 2021 के फेस्टिव सीजन तक लॉन्च किया जाएगा। कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर केनिची आयुकावा ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि कंपनी 800cc की कार सहित कई मॉडलों पर काम हर रही है। हालांकि उन्होंने दूसरी कार के बारे में जानकारी नहीं दी। नए नॉर्म्स के कारण 10% बढ़ी एंट्री लेवल कारों की लागत उन्होंने कहा कि छोटी कार डिवेलप करने में सबसे बड़ी चुनौती लागत कम रखने की होती है। उन्होंने इकनॉमिक टाइम्स को बताया, 'हमें सेफ्टी और एमिशन के नए नियमों का पालन करना होगा। इन नियमों के कारण एंट्री लेवल की कारों की लागत 10 फीसदी बढ़ गई है।' उन्होंने कहा, 'फिर भी हमें कोई रास्ता निकालना है।' देश की यह सबसे बड़ी कार कंपनी ऐसे समय में इन प्रॉडक्ट्स को डिवेलप कर रही है, जब ह्यूंदै मोटर इंडिया और टाटा मोटर्स ने एंट्री लेवल सेगमेंट छोड़ दिया है। इन दोनों कंपनियों का मानना है कि नए नियमों के पालन से बढ़ने वाली लागत के काण मिनी कारें बेचना व्यावहारिक सौदा नहीं रह जाएगा। लगातार घट रहा है छोटी कारों का मार्केट छोटी कारों का मार्केट भी घट रहा है। अब देश के ऑटोमोबाइल मार्केट में इसकी हिस्सेदारी 8 फीसदी से कम रह गई है, जो 2010 में 25 फीसदी थी। हालांकि, मारुति सुजुकी को लग रहा है कि टू-वीलर्स से फोर वीलर्स पर शिफ्ट होने की चाहत रखने वालों के लिए यह मार्केट सेगमेंट अहम बना रहेगा। इस सेगमेंट में इसकी प्रतिद्वंद्वी रेनॉ है, जिसकी छोटी कार क्विड है। ऑटोमोटिव मार्केट पर नजर रखने वाली फर्म IHS मार्किट के एसोसिएट डायरेक्टर गौरव वांगल ने कहा कि एंट्री लेवल की कारें मुख्य रूप से छोटे शहरों-कस्बों में बिक रही हैं और मारुति इस गेम को अच्छी तरह समझती है। उन्होंने कहा कि 5 लाख रुपये से कम दाम का सेगमेंट अगले दो से तीन वर्षों में बढ़कर करीब 50 लाख यूनिट्स सालाना का हो जाएगा और इसमें मुख्य रूप से मारुति की नई कारों का योगदान होगा।
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