शर्मिष्ठा मुखर्जी, नई दिल्लीदेश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी अपने पोर्टफोलियो की सभी छोटी कारों का (कंप्रेस्ड नेचुरल गैस) वेरियंट लाएगी। कंपनी ने यह फैसला तेल की खपत घटाने और गाड़ियों से होने वाले प्रदूषण में कमी लाने के लिए किया है। के चेयरमैन आर सी भार्गव ने कहा, ‘सरकार मानती है कि CNG साफ-सुथरा ईंधन है। वह 10 हजार CNG डिस्ट्रीब्यूशन आउटलेट खोल रही है। ग्राहकों को भी CNG गाड़ियों से कोई गुरेज नहीं है। हम अपने पोर्टफोलियो की सभी छोटी कारों को CNG में बदलेंगे।’ बता दें कि मारुति के पास अभी ऑल्टो, ऑल्टो के10, वैगनआर, सिलेरियो, डिजायर टूर एस, ईको, सुपर कैरी जैसे मॉडल के CNG वेरियंट हैं। वहीं, कंपनी के पोर्टफोलियो में कुल 16 गाड़ियां हैं। CNG वाली गाड़ियों की हिस्सेदारी 7 पर्सेंट मारुति की कुल बिक्री में CNG से चलने वाली गाड़ियों की हिस्सेदारी 7 पर्सेंट है। हालांकि, कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि जिन राज्यों में डिस्ट्रीब्यूशन आउटलेट मौजूद हैं, उनमें मॉडल की कुल बिक्री में CNG से चलने वाले वेरियंट का हिस्सा 30 पर्सेंट तक है। कंपनी ने मौजूदा वित्त वर्ष के पहले 4 महीनों में कुल 31 हजार CNG गाड़ियां बेची हैं। अभी ज्यादातर CNG आउटलेट दिल्ली, मुंबई और गुजरात में हैं। मारुति सुजुकी ने पिछले वित्त वर्ष में CNG गाड़ियों का प्रॉडक्शन 40 पर्सेंट तक बढ़ाया था। कंपनी का कहना है कि वह मौजूदा वित्त वर्ष में इस आंकड़े को 50 पर्सेंट तक ले जाना चाहती है। 'CNG किट देश में ही बनना चाहिए'भार्गव के मुताबिक, फैक्ट्री-फिटेड गाड़ियों के मुकाबले बाहर CNG इंजन लगवाने की लागत कम है। उन्होंने कहा कि टैक्स और मैन्युफैक्चरिंग कॉस्ट की वजह से फैक्टी-फिटिंग महंगी पड़ती है। उन्होंने कहा, ‘रेट्रो फिटमेंट इंपोर्टेड पार्ट्स के साथ किया जाता है। यह भारत में नहीं बनता। सरकार को मेक इन इंडिया को प्रमोट करने के लिए फैक्ट्री-फिटेड CNG गाड़ियों को बढ़ावा देना चाहिए। हमें CNG किट देश में ही बनाना चाहिए। CNG कारों में सुरक्षा स्तर भी बेहतर करना होगा।’ 2 लाख करोड़ रुपये का कम तेल आयात करना होगापेट्रोलियम और प्राकृतिक मंत्रालय ने पिछले साल पर्सनल मोबिलिटी स्पेस में CNG गाड़ियों को बढ़ावा देने के लिए ऐलान किया था कि अगले 10 सालों में 10 हजार CNG डिस्ट्रीब्यूशन आउटलेट खोले जाएंगे। अगर निजी कार उपभोक्ता CNG में शिफ्ट हो जाते हैं, तो करीब 2 लाख करोड़ रुपये का कम तेल आयात करना होगा। मारुति ने इस साल की शुरुआत में कहा था कि 1 अप्रैल 2020 से नए एमिशन नॉर्म्स लागू होने के बाद डीजल गाड़ियों की लागत काफी बढ़ जाएगी, इसलिए वह उनका प्रॉडक्शन बंद करेगी। कंपनी को उम्मीद है कि CNG और हाइब्रिड गाड़ियों की बिक्री में बढ़ोतरी से डीजल कारों का उत्पादन बंद करने की भरपाई हो जाएगी।
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